[पूर्वी के दुःखद असमय निधन (१,२) के काफी दिनों बाद रचना जी से कल संक्षिप्त बात हुई जिसमें उन्होंने पूर्वी का यह संगीत पॉडकास्ट करने को कहा जो कि कुछ ही दिन पहले रिकॉर्ड किया गया था। शंकर-जयकिशन द्वारा ‘अनाड़ी’ फिल्म के गीत “किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार” के लिए यह कंपोज किया गया था। संगीत अत्यंत मार्मिक और उदासी भरा है। पूर्वी जहाँ भी हो ईश्वर उसे प्रसन्न रखे। – श्रीश]
जिन्दगी की मौत से खत्म क्यूँ दूरी हुई,
ख्वाब आधे रह गये, क्यूँ जिन्दगी पूरी हुई।
” गुलाब की कली”
बाग मे घूमते हुए,
देखी मैनें एक दिन,
प्यारी कली गुलाब की.
मैने सर्द आहें भरी
हाय! तुम कितनी अल्पायु हो!
तुनक कर कहा उसने,
सदियों तक जीने की अर्थ क्या?
पल मे खिली,
पूरे बाग को महकाया,
और चल दी,
और क्या हो सकता है
इससे अच्छा जीवन?
मै भौंचक्क रह गया,
डूब गया सोच मे,
सच ही तो कहती है,
जीना तो उसी का है सार्थक यहाँ,
याद जिसकी दुनिया को,
वर्षों तक रहती है…..
– संकलित
…..मैने अपना पहला पॉडकास्ट केवल ट्रायल के लिये किया था, असल में मैं पूर्वी का कीबोर्ड पर बजाया ये गाना डालना चाह रही थी…उसके साथ ही उसका संगीत भी गुम हो गया…..सौभाग्य से ये एक गाना मेरी छोटी बेटी ने रिकॉर्ड कर लिया था….अपनी छोटी सी जिन्दगी पूर्वी ने इसी तरह गुजारी……
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अब क्या कहूँ इसी संगीत के साथ पूर्वी की पहली और अखिरी आवाज सुनी थी..ये धुन कभी न भूल सकने वाली याद बन गयी है।
पूर्वी को हमारी श्रद्धांजलि.
आपसे आग्रह है कि अपना दुख हमसे बाटें और इस चिट्ठे पर पूर्वी के संस्मरण प्रकाशित कर अपना दुख हल्का करें.
बहुत ही कर्ण प्रिय था संगीत, यह मेरा र्दुभाग्य है कि अब दोबारा यह सुनने का नही मिलेग।
ऐसा लगता ही नहीं कि यह संगीत किसी बच्चे ने बजाया है, बहुत अच्छा और मधुर.
रवि जी की बात का मैं भी समर्थन करता हूं. पूर्वी के बारे में बतायें.
बहुत ही मधूर संगीत, मगर पूर्वी……….
😦 😦 😦 😦 😦 😦
मैं उसकी कल्पना कर रहां हूं, जिसे यह गीत पसंद और इतना मधुर बजाया।
“कहेगा फूल हर कली से बार-बार
जीना इसी का नाम है…”
रचना जी, आपकी इस बात से सहमत नहीं हूं कि पूर्वी का संगीत उसके साथ गुम हुआ है. न पूर्वी गुम है न उसका संगीत, बस हमारे बीच उठकर किसी पारलौकिक विश्व में गयी है. वो जहां भी हो, संगीत के ऐसे ही सुर बिखेरती रहे.
आप नियमित ब्लाग लिखें मेरा भी आग्रह यही है.
बड़ा ही मधुर संगीत.लेकिन जैसा अमित ने कहा कि ना ये संगीत कहीं गया ना पूर्वी वो अभी भी जिन्दा है हम सबकी यादों में. कुछ यादें हमसे भी बांटें.
मधुर संगीत…।
मैं तो समझ ही नहीं पाता कि क्या कहूँ. आपका दुख परिकल्पना के परे है. बस यह जान लिजिये कि समय के साथ साथ आज जो पूर्वी की यादें और बातें आँखों में आसूँ ले आ रही हैं, कल वही आपके चेहरे पर मुस्कान का कारण बनेंगी. वो कहीं नहीं गई है. बस स्वरुप बदल गया है.आप उसे हमेशा अपने आस पास पायेंगी. कभी फूलों में, कभी उनकी खूशबूओं में, कभी झरनों की कलकल में तो कभी चिड़ियों के कलरव में. कभी तितली बन के और कभी हवा की शीतल बयार बन कर, वो आस पास होगी.
कहते हैं दुख बाँटने से हल्का हो जाता है. शायद सही ही होगा. आप अपना समय लिजिये. जब मन करे, तब लिखियेगा. बस इतना याद रखियेगा, हम सब आपके साथ हैं और जब भी दिल करे, आप हमारे साथ अपना दुख बांट सकती हैं.
पूर्वी को की-बोर्ड पर मधुर गीत बजाते हुये सुनना बहुत अद्भुत अनुभव रहा. देखिये न!! वो है तो यहीं इस संगीत के सुंदर सुरों में. आपने हम सबके साथ इस गीत को बाँट कर बहुत अच्छा किया.
हम सब यहीं आपका इंतजार करेंगे पूरे विश्वास के साथ कि आप आयेंगी अपने संस्मरण और लेखनी के साथ.
जितना बार यह सुना उतनी बार अफ़सोस हुआ। जीवन अपने आप में अमूल्य है। दुख असहनीय है। लेकिन कामना है कि पूर्वी के घर वाले इस दुख से उबरेंगे। रचनाजी से अनुरोध है कि वे अपना दुख हम लोगों से बटायें। हौसला रखें।
जीवन रेत की तरह फिसलता है हाथों से और बस स्मृति रह जाती है। पुन: हमारी संवेदनाएं
बहुत ही मधुर संगीत बजाया है पूर्वी ने ! रचना जी आप लिखती रहें पूर्वी की शरारतों बातों को हमसे बांटती रहें यह भी एक तरीका है खुद को संयमित करने का ; दुख को कम करने का …
रचनाजी ,
यह कमी हमेशा रहेगी और स्मृति भी। स्मृति सहारा दे , प्रार्थना है ।
आपने जब यह संगीत की फाइल सुनने को दी तो अंदाजा नहीं था कि इतना उत्कृष्ट होगा, वाकई मधुर और भावुक संगीत है। शायद भगवान भी अच्छे लोगों को जल्दी अपने पास बुला लेता है। 😦
आज ही ये अत्यंत दुःखद समाचार पढ़ा और ये दुःख भरी बात का पता चला। ईश्वर आपको और समस्त बजाज परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे और पूर्वी की आत्मा को शांति।
बहुत ही प्यारा की-बोर्ड बजाया है, इस संगीत के माध्यम से पूर्वी हमेशा आपके और हम सबके बीच बनी रहेगी। पूर्वी तुम जहाँ भी हो ऐसा ही मधुर संगीर फिजाओं में घोलती रहो।
Dear Rachana….
Thanks to you for allowing us to listen this….ek marmik yaad dil mein hamesha rahegi!
Bahut hee khubsurat sangeet jo ke ek yaad …bankar reha gayee …ek khubsurat yaad!
Be strong…I pray for you my dear
Dear Rachana,
Shocked to hear about the demise of Purvi. Pray God that all of you are bestowed with sufficient strength to bear the loss and also the courage to move on with life.
ये पोस्ट तो बहुत पहले देखी थी पर धुन सुन नहीं पाया था। शुक्रिया पूर्वी की बजाई इस बेहतरीन धुन को हम तक पहुँचाने के लिए.
I want to know dear how are you doing?
My prayers are always with you
[…] मैनें पूर्वी को खोया तो लगा – क्या मासुम रिश्ते भी […]
बहुत खूब पुराणी यादें याद आ गई
पूर्वी और उसके संगीत के लिये आप सभी के स्नेह के लिये धन्यवाद.
[…] उसे फ़िर पा जाने का अह्सास हो! जैसे वो आज भी […]