कहने को दोनो इन्सां हैं, पर फ़िर भी थोड़ा फ़र्क यहां,
वो पाते हैं मै खोता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!
ना बाढॆं उन्हे बहा पातीं, ना सूखे से विचलित होते,
ना गर्मी से भी गलते हैं, ना भूकंपों से ढहते वे,
वो बच जाते मै मरता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
हर सुविधा उनके पैरों मे, हर दुविधा को सहता हूं मैं,
ना सुनने की फ़ुर्सत उनको, जो दुख अपने कहता हूं मै,
वो वक्ता हैं मै श्रोता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
सारी खुशियां उनकी अपनी, मेरे हिस्से बस दुख आते,
उनके बच्चे तो मौज करें, मेरे बच्चे भोखे सोते,
वो हंसते हैं, मै रोता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
ना उन्हे किसी की चिन्ता है, काले कामों को करते वे,
चाहे जिये मरे कोई बस अपना घर भरते हैं वे,
वो खाते हैं मै बोता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
वो कई गुनाह पचा जाते, मै हर गलती की सजा पाता,
अफ़सर, कानून, पुलिस उनकी, मै चिल्लता ही रह जाता,
वो निर्भय हैं मै डरता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
दुनिया भर की दौलत उनकी, हर मॊडल की कारें उनकी,
हैं कई कई महल उनके मेरा कमरे भर घर भी नही,
वो बड़े बहुत मै छोटा हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!!
कहने को दोनो इन्सां हैं, पर फ़िर भी थोड़ा फ़र्क यहां,
वो पाते हैं मै खोता हूं, वो नेता हैं, मै जनता हूं!
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