भविष्य समाचार..

जब हमे आज की समस्याएँ बहुत ज्यादा सताने लगे तो हमे दूर के (आज से कुछ २०-२५ साल बाद के!)सपने देखने शुरु करने चाहिये, ये तात्कालिक राहत के लिये कारगर साबित होता है! समस्याओं वाला आज  सपने देखते देखते आराम से गुजर जाता है.समय के साथ धीरे धीरे समस्यायें अपने आप कम हो जाती हैं.कुछ तो इसलिये की उनकी जगहों पर दूसरी ज्यादा गम्भीर किस्म की समस्याएँ आ जाती है और कुछ अन्य तरीकों से..जैसे २०२५ तक किसान ही नही बचेंगे तो उनसे जुडी समस्या कहाँ रहेगी? शायद इतना सारा पानी भी न रहे कि उस पर झगडा हो! और मुझे नही लगता कि बिजली की भी कोई समस्या रहेगी क्यों कि योग स्वामीयों और उनके अनुनायियों की बढती तादाद  (यहाँ तक कि चिट्ठा-जगत भी इससे अछूता नही है, यहाँ भी एक लोकप्रिय महाराज समीरानन्द जी हैं!!) के हिसाब से जल्दी ही लोगों की दिनचर्या सुबह ४ बजे से शुरु होकर रात ९ बजे खतम हो जाया करेगी!
तो मै आपको सपनों वाले भविष्य २०२५ के समाचार सुनाती हूँ—
६ फर. २०२५

मुख्य समाचार———–

१. शिक्षा मन्त्री ने घोषणा की है ‘आई आई एम’ तथा‘आई आई टी’ में पिछडे वर्ग के लिये अब ८०% आरक्षण होगा.

२. ‘आई आई एम’ के दो और ‘आई आई टी’ के दो प्रोफेसर ने अपना इस्तीफा दिया.

३. मन्त्री जी ने मान लिया है कि उस घोटाले के लिये वे ही जिम्मेदार थे. वे आगे अपील करना नही चाहते और सजा भुगतने को तैयार हैं.

४. हमारे प्रधानमन्त्री जी ने अमेरिका से कहा है कि वो दूसरे देशों के मसलों मे दखल देना बन्द कर दे अन्यथा उसे भारत की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सहायतायें बन्द कर दी जायेंगी!

५. पाकिस्तानी प्रमुख ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का ही अंग है! और कश्मीर से उसका कोई लेना-देना नही है!

६. चीन में, भारत में बने खिलौनो की माँग़ तेजी से बढ रही है!

७. फ्रांस और रशिया ने भारत मे बनी अत्याधुनिक मिसाइल खरीदने की इच्छा जाहिर की है!

८. ओलम्पिक पदक तालिका में भारत पहले स्थान पर!

९. आस्ट्रेलिया में हुए एक दिवसीय मैच मे भारत ने आस्ट्रेलिया को १० विकेट से हराया!

१०. १. आज राज्य के अन्तिम किसान की मौत के साथ ही महाराष्ट्र देश का पहला ‘किसान रहित’ राज्य घोषित हुआ..राज्य में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला सन २००६ से चला आ रहा था.

Published in: on फ़रवरी 6, 2007 at 11:45 अपराह्न  Comments (14)  

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14 टिप्पणियां टिप्पणी करे

  1. दिवास्वप्न दिवास्वप्न होतें है. हम लोग वास्तविकता से भागकर जायेंगे कहां?
    किन्तु महाराष्ट्र को किसान रहित राज्य के रूप में तो कल्पना न कीजिये!

  2. “पाकिस्तानी प्रमुख ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का ही अंग है! और कश्मीर से उसका कोई लेना-देना नही है!”

    रचनाजी आप गलत खबर दे कर लोगों को गुमराह कर रही हैं. समाचार कुछ यूं था – “लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये पाकिस्तान के प्रमुख ने कहा है कि दरअसल पाकिस्तान भारत का एक अभिन्न अंग है और उन्होंने शीघ्र ही पाकिस्तान के भारत में विलय हो जाने की संभावना पर भारत सरकार से विचार करने को कहा है.”

  3. ..वैसे भविष्य की एक “चिठ्ठा चर्चा” भी करिये – मज़ेदार होगी. 🙂

  4. अंतिम वाली खबर कौन सुनना चाहेगा? ऐसा दिन कभी न आए.

    हाँ मरने से पहले चौथी वाली खबर जरूर सुनना चाहुंगा. ऐसा दिन जल्द आए. 🙂

    वैसे गम भूलाने का यह तरीका है मजेदार. आजमाता हूँ. कोपीराइट तो नहीं है ना. 🙂

  5. बहुत ही सुन्दर स्वप्न है, काश यह सपना सच हो जायें पहले, दूसरे और दसवें स्वप्न को छोड़कर।

  6. कल्पनी की उड़ान अच्छी रही। आखिरी वाली भविष्यवाणी बड़ी स्तब्ध करने वाली है। यह बाकी से अलग है। इसको पढ़ने के बाद सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या ये विसंगति जारी रहेगी! यही इस पोस्ट की उपल्ब्धि है!

  7. आपकी भवितव्य कल्पनाओं की सीढ़ियों पर चढ़कर मैं यही सोंच रहा हूँ की कुछ पंक्तियाँ सत्य होंगी जरुर कुछ में सुधार की प्रक्रिया आरंभ होगी बड़े सुंदर विचार को रखा है इसके द्वारा…बधाई!!

  8. @ मैथिली जी, कभी कभी स्वप्न कडवी सच्चाई के बहुत करीब होते हैं..बहरहाल ये मेरे वैचारिक असमन्जस से उपजी कुछ बाते हैं..

    @ अनुराग भाई, मेरी गलत खबर को आपने सुधार दिया. धन्यवाद! और ये बढिया है! आप जैसे धुरन्धर लोग बाहर रहकर मुझे अन्दर (चर्चा के लिये) ढकेल रहे हैं! कोशिश करूँगी कम से एक बार तो जरूर!

    @ सन्जय भाई, किसी तरह का कोई कापीराइट नही है, जो स्वप्न पसन्द आ गया हो हर रोज देख सकते हैं!!

    @ नाहर जी, यही तो दिक्कत है! सब कुछ अच्छा ही नही हुआ करता!

    @ अनूप जी और दिव्याभ जी, टिप्पणी के लिये बहुत धन्यवाद.

  9. १० वीं तो खैर आज हो रही घटनाओं का आपके मानस पटल पर भावान्तमक प्रहार है और आप भावुक हो कर कह गई. बाकी बढ़िया है. 🙂 हमारे हिसाब से तो बिजली की समस्या तो कभी होना ही नहीं चाहिये, नहीं तो चिट्ठे कैसे लिखे जायेंगे. 😦

  10. @ समीर जी,टिप्पणी के लिये शुक्रिया.

  11. कल्पना की उडाने बढिया लगीं , सिर्फ़ आखिरी को छोड कर, सोचने से ही डर सा लगने लगता है।

  12. @ प्रभात जी,टिप्पणी के लिये शुक्रिया.

  13. […] with the current social & political scene, Rachana gives a sarcastic look in her future news bulletin while Jagdish is contemplating; is Yahoo is saving Hindi or is Hindi saving Yahoo! Jitu is also not […]

  14. aaj pehli baar padha achcha laga.hum to chahte hi hain ki aane wala waqt aisa hi ho.sari duniya bharat ki shakti ka loha maane.


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